दो कप के गोल निशान प्रमाण देते हुए कि कोई न आया भटक कर इधर। दो कप के गोल निशान प्रमाण देते हुए कि कोई न आया भटक कर इधर।
बस प्रेम सुधा रस बरसाते चले, सबको अपना बनाते चले।। बस प्रेम सुधा रस बरसाते चले, सबको अपना बनाते चले।।
हर एक एक पल सदियों की तरह बहने लगे है सीने से हमारे इस प्रेम त्रासदी में कि जैसे लगने लगा है ग... हर एक एक पल सदियों की तरह बहने लगे है सीने से हमारे इस प्रेम त्रासदी में क...
अभी मृत्यु से दांव लगाकर समय जीत जाने का क्षण है। कुम्हलाने के बाद झुलसकर ढह जाने के बाद फिर बैठ... अभी मृत्यु से दांव लगाकर समय जीत जाने का क्षण है। कुम्हलाने के बाद झुलसकर ढह ...
अज्ञानता का हुआ नाश, ज्ञान-सूर्य मुस्कराने लगा। अज्ञानता का हुआ नाश, ज्ञान-सूर्य मुस्कराने लगा।
गीत के सुर सजे, भाव नूपुर बजे, किंतु मन में ना झंकार कोई उठी। चेतना प्राण से, वेदना गान से, प्रार... गीत के सुर सजे, भाव नूपुर बजे, किंतु मन में ना झंकार कोई उठी। चेतना प्राण से, ...